दरबार लसूड़ी शाह पर क़व्वाली से शहंशाह-ए-क़व्वाली तक का सफ़र

नुसरत फ़तेह अली ख़ान: दरबार लसूड़ी शाह पर क़व्वाली से शहंशाह-ए-क़व्वाली तक का सफ़र

  • इमाद ख़ालिक़
  • बीबीसी उर्दू

नुसरत ने जी भरकर खाया और जी भरकर गाया

आज भी नुसरत फ़तेह अली ख़ान की आवाज़ कानों में पड़ती हैं, तो बहुत से लोग मंत्रमुग्ध होकर उनकी गायकी में खो जाते हैं.

उस आवाज़ के अनूठेपन और रूहानियत को चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है.

उनकी आवाज़़-उनका अंदाज़, उनका हाथों को हिलाना, चेहरे पर संजीदगी का भाव, संगीत का उम्दा प्रयोग.

शब्दों की शानदार रवानगी... उनकी खनक... सब कुछ हमें किसी दूसरी दुनिया में ले जाने पर मजबूर करता है 

इमरान ख़ान और नुसरत फ़तेह अली ख़ान: संगीत और क्रिकेट के 'ख़ान' आपस में कैसे दोस्त थे?

"जब इमरान ख़ान ने 92 का वर्ल्ड कप जीता था, तो नुसरत फ़तेह अली ख़ान भी ऑस्ट्रेलिया में थे. इमरान ख़ान के क्रिकेट मैच थे और हमारे कव्वाली के शो थे."

 

यह कहना है इलियास हुसैन का जो दशकों तक 'शहंशाह-ए-क़व्वाली' नुसरत फ़तेह अली ख़ान की क़व्वाल पार्टी का हिस्सा थे और उनके शागिर्द भी थे.